Here is an essay on ‘Mutual Funds’ especially written for school and college students in Hindi language.
Essay # 1. पारस्परिक निधि (Mutual Funds):
एक निवेशक म्यूचुअल फण्ड की इकाइयों को क्रय करके उसमें भागीदार बन सकता है म्यूचुअल फण्ड निवेशक के लिए एक विनियोग वाहन की तरह है वह अपने निवेश के लिए पेशेवर एवं विशेषज्ञों की मदद से जोखिम को कम कर सकता है तथा प्रत्याय दर में वृद्धि कर सकता है, क्योंकि म्यूचुअल फण्ड का प्रबन्धन पेशेवर तथा विशेषज्ञों द्वारा किया जाता है ।
1992 तक समस्त म्यूचुअल फण्ड सार्वजनिक क्षेत्र में थे लेकिन उसके उपरान्त म्यूचुअल फण्ड निजी क्षेत्र में प्रवेश कर गए । बहुत-सी निजी कम्पनियाँ म्यूचुअल फण्ड कारोबार में संलिप्त है ।
Essay # 2. म्यूचुअल फण्ड की योजनाएँ (Schemes of Mutual Fund):
म्यूचुअल फण्ड की निम्नलिखित योजनाएँ है:
खुली योजना (Open-Ended Scheme):
इस योजना के अन्तर्गत इकाइयों का क्रय-विक्रय निरन्तर होता रहता है । निवेशक जब चाहे इकाइयाँ खरीद सकता है और अपनी इच्छानुसार जब चाहे विक्रय कर सकता है ।
निवेशक फण्ड प्रबन्धक को इकाइयाँ क्रय-विक्रय के लिए प्रत्यक्ष रूप से सम्पर्क कर सकते है, इकाई की कीमत, विशेष योजना के अन्तर्गत सम्पत्ति के शुद्ध सम्पत्ति मूल्य (Net Asset Value- NAV) के आधार पर निर्धारित की जाती हैं । इकाई की कीमत की गणना प्रतिदिन अथवा साप्ताहिक की जाती है ।
बन्द योजना (Close-Ended Scheme):
यह योजना निश्चित अवधि के लिए खुली रहती है । निवेशक केवल इसी अवधि के दौरान इकाइयाँ क्रय कर सकते हैं । इन योजनाओं का स्टॉक विनिमय केन्द्र मे सूचीयन अनिवार्य है । इसलिए निवेशक इन इकाइयों का व्यापार अन्य प्रतिभूतियों की तरह स्टॉक विनिमय केन्द्र के माध्यम से ही कर सकता है ।
म्यूचुअल फण्ड के लाभ या हानि को प्रशासनिक एवं विनियोग प्रबन्ध शुल्क घटाने के पश्चात् निवेशकों में वितरित कर दिया जाता है । म्यूचुअल फण्ड विनियोग से लाभ को निवेशकों में लाभांश के रूप में वितरित किया जाता है ।
Essay # 3. प्रबन्धित पोर्टफोलियो का निष्पादन मूल्यांकन (Performance Evaluation of Mutual Funds):
इसके लिए प्रबन्धित पोर्टफोलियो की प्रत्याय की तुलना बाजार इंडेक्स से की जाती है ।
पोर्टफोलियो निष्पादन (Portfolio Performance) निम्न समीकरण द्वारा ज्ञात की जा सकती है:
यहाँ पर,
उदाहरण:
Essay # 4. पारस्परिक निधि के लाभ (Advantages of Mutual Funds):
Association of Mutual Funds in India (भारत में म्यूचुअल फण्ड परिषद) के अनुसार, एक अलाभकारी संस्था निवेशकों को निम्नलिखित लाभ/सुविधाएँ उपलब्ध कराती है:
(1) फण्ड प्रबन्धक अनुभवी कर्मचारियों तथा विशेषज्ञों की सेवाएँ निवेशक को उपलब्ध रहती है ।
(2) निवेशक को कागजी कार्य में कमी, समय की बचत आदि जैसे लाभ मिलते है ।
(3) मध्यम एवं दीर्घकालीन निवेश विनियोगकर्त्ता को अच्छी प्रत्याय दे सकता है
(4) म्यूचुअल फण्ड में निवेश दो तरह से तरलता प्रदान करता है- एक, खुली योजना के अन्तर्गन निवेशक किसी भी समय इकाइयों का क्रय-विक्रय कर सकता है । दूसरे बन्द योजना में निवेशक अपनी इकाइयों को स्टॉक विनिमय केन्द्र के माध्यम से बन सकता है ।
(5) म्यूचुअल फण्ड व्यवहार में पारदर्शिता लाते हैं क्योंकि यह प्रत्येक योजना के बारे में निवेशकों को सूचना प्रदान करता हैं ।
(6) म्यूचुअल फण्ड निवेशकों की जरूरतों के मुताबिक विभिन्न प्रकार की योजनाएँ उपलब्ध कराता है ।
(7) म्यूचुअल फण्ड का नियमन एवं पंजीकरण ‘सेबी’ द्वारा किया जाता है इसलिए म्यूचुअल फण्ड में निवेश सुरक्षित माना जाता है ।