Read this article in Hindi to learn about the three main types of special-use plans. The types are: 1. Programme 2. Budget 3. Projects.
Type # 1. कार्यक्रम (Programme):
नीतियों एवं कार्यविधियों के प्रकाश में बजटों की सहायता से एक निश्चित अवधि में किसी को पूरा करने के लिए अपनाई गई प्रणाली को कार्यक्रम कहते है । यह एक विशिष्ट योजना होती है जिसे किसी विशेष उद्देश्य की पूर्ति के लिए बनाया जाता है ।
किसी कार्य को किस क्रम में किया जाए उनका निर्धारण करना कार्यक्रम कहलाता है । कूण्ट्ज एवं ओ’ डोनेल के अनुसार- “एक कार्यक्रम नीतियों को कियाष्ठित करने तथा नए क्षेत्र को प्राप्त करने के लिए सभी क्रियाओं का एक अनुक्रम है ।”
कार्यक्रम में विभिन्न प्रकार की नीतियाँ, कार्यविधियां, बजट, नियम आदि शामिल होते हैं । कार्यक्रम के पूरा हो जाने पर सम्बद्ध योजनाएँ समाप्त हो जाती हैं और उनका दुबारा प्रयोग नहीं होता है । अतएव कार्यक्रम किसी कार्य की एक संक्षिप्त योजना है जिसे निर्धारित क्रम में लक्ष्यों के अनुरूप नीतियों के आधार पर तथा कार्यविधियों के अनुसार तैयार किया जाता है ।
विशेषताएँ (Characteristics):
(i) ठोस योजना (Solid Plan):
कार्यक्रम किसी विशेष उद्देश्य प्राप्ति के लिए बनाई गई एक ठोस योजना होती है जिसमें विभिन्न कार्यविधियों का क्रम तथा प्रत्येक कार्यवाही में लगने वाला समय निर्धारित होता है ।
(ii) निश्चित उद्देश्य (Specific Objective):
प्रत्येक कार्यक्रम एक निश्चित उद्देश्य की प्राप्ति के लिए बनाया जाता है । जैसे ही वह उद्देश्य प्राप्त हो जाता है, वह कार्यक्रम भी समाप्त हो जाता है ।
(iii) परस्पर तालमेल (Co-Ordination):
प्राय: प्रत्येक विभाग के अपने-अपने कार्यक्रम होते हैं, अत: इन सब में परस्पर तालमेल होना आवश्यक है ।
(iv) स्वतन्त्र इकाई (Independent Unit):
प्रत्येक कार्यक्रम अपने आप में पूर्ण तथा स्वतन्त्र इकाई होती है जिसकी अपनी नीतियां, प्रणालियाँ तथा कार्यवाहियां होती है ।
कार्यक्रम के प्रकार (Types of Programme):
कार्यक्रम के प्रकार निम्नलिखित हैं:
(i) अल्पकालीन कार्यक्रम-जैसे विक्रय बढ़ाने का विशेष कार्यक्रम ।
(ii) दीर्घकालीन कार्यक्रम-जैसे संस्था के विस्तार का कार्यक्रम ।
(iii) व्यापक कार्यक्रम-जैसे व्यवसाय की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए खर्चों पर नियन्त्रण रखने का कार्यक्रम ।
(iv) सीमित कार्यक्रम-जैसे किसी बड़े विभाग के किसी उप-विभाग के सुधारने का कार्यक्रम ।
कार्यक्रम के लाभ (Merits of Programme):
कार्यक्रम से होने वाले लाभ निम्नलिखित हैं:
(i) कार्य का होना, निश्चित हो जाता है ।
(ii) कार्य समय पर पूरा हो जाता है ।
(iii) कार्यक्रम से विभिन्न कार्यों में समन्वय स्थापित किया जा सकता है ।
(iv) कार्यक्रम के अनुसार कार्य करने से सभी साधनों का कुशलतापूर्वक उपयोग सम्भव होता है ।
Type # 2. बजट (Budget):
कूण्ट्ज एवं ओ’ डोनेल के शब्दों में, “बजट एक योजना की तरह अनुमानित परिणामों का विवरण है जो आँकड़ों में व्यक्त होता है ।” मूरे (Moore) के अनुसार- “बजट योजनाओं के वित्तीय प्रतिबिम्ब हैं ।” इस तरह, बजट एक योजना है जिसमें विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति के लक्ष्य रखे जाते हैं और उन्हें प्राप्त करने के लिए समय, धन, सामग्री तथा अन्य साथनों के व्यय के अनुमान दिए जाते हैं ।
सरल शब्दों में, बजट में अनुमानित परिणामों (Expected Results) का विवरण अंकों में व्यक्त होता है । इसलिए बजटों को संख्यात्मक योजनाएँ कहते हैं । बजट नियोजन तथा नियन्त्रण दोनों के लिए सबसे अधिक उपयोग मै लाया जाने वाला उपकरण है । प्रत्येक कार्यक्रम को पूरा करने के लिए बजट बनाना आवश्यक है ।
बजट अनेक प्रकार के होते है, जैसे: मास्टर बजट, वेतन बजट, विक्रय बजट, उत्पादन बजट, सामग्री बजट, क्रय बजट, मानवशक्ति बजट । आगम और व्यय बजट (Revenue and Expense Budget) आदि । एक बार बजट बन जाने के बाद उसमें संशोधन करना कठिन होता है ।
Type # 3. परियोजनाएँ (Projects):
“एक कार्यक्रम के भिन्न-भिन्न स्वतन्त्रता भागोंको परियोजनाएँ कले हैं ।” परियोजना में किसी विशेष कार्यक्रम की पूरी व्याख्या दी जाती है । परियोजना स्वतन्त्र होते हुए भी कार्यक्रम से घनिष्ठरूप से जुड़ी हुई होती है । जैसे कि व्यवसाय में बिक्री बढ़ने का एक व्यापक कार्यक्रम बनाया गया और उसके विज्ञापन कार्य की एक अलग योजना बनाई गई जिसे परियोजना कहा जाएगा ।
परियोजनाएं किसी बड़े कार्यक्रम के हिस्से होती है । इनके निश्चित उद्देश्य व इन्हें पूरा करने का निश्चित समय होता है और इनके लिए विशिष्ट योग्यता वाले व्यक्तियों की आवश्यकता होती है । परियोजना को एक परियोजना प्रबन्धक (Project Manager) को साँप दिया जाता है जो लागत और समय की सीमाओं में इसे लागू करने तथा पूरा करने के लिए पूरी तरह उत्तरदायी होता है ।