योजना के शीर्ष ग्यारह लक्षण | Read this article in Hindi to learn about the top eleven characteristics of planning in an organisation.
The characteristics are:
1. Planning is a Primary Function of Management 2. Planning is a Continuous Process 3. Planning is Pervasive
4. Planning is a Means to Achieve Definite Objective and Goal 5. Planning is an Intellectual Process 6. Planning is Based on Forecasting and a Few Others.
योजना के शीर्ष ग्यारह लक्षण | Top 11 Characteristics of Planning in Hindi
Characteristic # 1. नियोजन प्रबन्ध का एक प्राथमिक कार्य है (Planning is a Primary Function of Management):
नियोजन प्रबन्ध का प्रथम तथा आधारभूत कार्य है । नियोजन प्रक्रिया पूरी होने के पश्चात् ही प्रबन्ध के अन्य कार्यों, जैसे-सगठन समन्वय, अभिप्रेरण, नियुक्तियाँ, निर्देशन व नियन्त्रण को प्रारम्भ किया जा सकता है । इस प्रकार नियोजन प्रबन्ध के अन्य कार्यों का आधार है । नियोजन के अभाव में संगठन, समन्वय, अभिप्रेरण, नियन्त्रण जैसे प्रबन्धकीय कार्य न तो प्रारम्भ हो पाते है और न ही पूरे किए जा सकते है ।
Characteristic # 2. नियोजन एक निरन्तर प्रक्रिया है (Planning is a Continuous Process):
नियोजन प्रबन्ध की एक निरन्तर तथा कभी न समाप्त होने वाली प्रक्रिया है । नियोजन का सम्बन्ध भविष्य से होता है और भविष्य अनिश्चित होता है । अत: अनिश्चित भविष्य की स्थिति में कोई भी योजना सर्वकालीन (All Time) नहीं हो सकती । व्यवसाय को प्रभावित करने वाली घटनाएँ तथा कारक निरन्तर बदलते रहते हैं अतएव इन बदलती हुई परिस्थितियों के अनुसार नियोजन में भी निरन्तर परिवर्तन व सशोधन करने आवश्यक हो जाते हैं इस प्रकार, जब तक व्यवसाय चलता रहेगा, नियोजन का कार्य भी निरन्तर चलता रहेगा ।
इसलिए, “नियोजन एक निरन्तर चलने वाली प्रक्रिया है । कोई भी योजना अन्तिम नहीं होती, इसमें सदैव संशोधन की गुंजाइश रहती है । चूंकि, कोई योजना नियोजन-प्रक्रिया का अन्तिम उत्पाद नहीं है । इसलिए इसे अन्तरिम प्रतिवेदन (Interim Report) कहना चाहिए ।”
Characteristic # 3. नियोजन एक सर्व-व्यापक कार्य है (Planning is Pervasive):
नियोजन की एक बड़ी विशेषता यह है कि यह सर्व-व्यापी कार्य है जिसे व्यावसायिक व गैर-व्यावसायिक सभी प्रकार के संगठनों में प्रत्येक स्तर पर करना होता है । नियोजन कार्य केवल सर्वोच्च प्रबन्ध (Top Management) का ही उत्तरदायित्व नहीं है बल्कि संगठन के सभी स्तरों पर कार्य करने वाले प्रबन्धक भी नियोजन का कार्य करते हैं ।
प्रत्येक प्रबन्धक अपने-अपने कार्यों का नियोजन करते है विभागीय प्रबन्धक पर्यवेक्षक व फोरमैन भी नियोजन में सक्रिय भाग लेते हैं यह अलग बात है कि निम्न-स्तरों की तुलना में उच्च प्रबन्धकीय स्तरों पर अपेक्षाकृत अधिक महत्वपूर्ण व आधारभूत नियोजन कार्य होता है और इसलिए अधिक समय देना पड़ता है इस प्रकार नियोजन का क्षेत्र अत्यन्त व्यापक है ।
Characteristic # 4. नियोजन निर्धारित उद्देश्य तथा लक्ष्य की पूर्ति का साधन (Planning is a Means to Achieve Definite Objective and Goal):
नियोजन सदैव संस्था द्वारा निर्धारित उद्देश्य की पूर्ति के लिए किया जाता है । बिली.ई. गोज लिखते हैं, “नियोजन उद्देश्यों पर अपना ध्यान केन्द्रित कर सकता है । वह यह भविष्यवाणी कर सकता है कि अन्तिम मेश्य को प्राप्त करने के लिए क्या क्रियाएँ की जानी चाहिए । प्रबन्धकीय नियोजन निर्धारित लक्ष्यों पर ध्यान केन्द्रित करते हुए एक निरन्तर समन्वित प्रक्रियाओं के ढाँचे को प्राप्त करना चाहता है ।”
Characteristic # 5. नियोजन एक बौद्धिक प्रक्रिया है (Planning is an Intellectual Process):
नियोजन को अति विशिष्ट बुद्धि वाला कार्य माना जाता है, जिसे प्रत्येक व्यक्ति नहीं कर सकता । इसके लिए “रचनात्मक चिन्तन तथा कल्पना”, जरूरी है नियोजन एक बौद्धिक प्रक्रिया इसलिए है क्योंकि इसके लिए विवेक, दूरदर्शिता विश्लेषण शक्ति, अनुभव, सृजनात्मकता, परिपक्व बुद्धि व श्रेष्ठ निर्णय लेने की क्षमता की आवश्यकता होती है ।
Characteristic # 6. नियोजन पूर्वानुमानों पर आधारित प्रक्रिया है (Planning is Based on Forecasting):
नियोजन का एक अन्य महत्वपूर्ण लक्षण यह है कि यह पूर्वानुमानों पर आधारित प्रक्रिया है । पूर्वानुमान का अर्थ है, “भविष्य में क्या करना है”, भविष्य में क्या घटित होने वाला है और भविष्य में क्या परिवर्तन होंगे, आदि का अनुमान लगाया जाता है । इस प्रकार नियोजन, भविष्य में देखने तथा उसकी व्यवस्था करने की प्रक्रिया है जिसमें पूर्वानुमान स्वयं ही शामिल हो जाते हैं । परन्तु ध्यान देने योग्य बात यह है कि पूर्वानुमान स्वयं में नियोजन नहीं हैं ।
Characteristic # 7. नियोजन वैकल्पिक क्रियाओं में से सर्वोत्तम किया का चुनाव है (Planning is the Selection of the Best among Alternative Courses of Action):
योजनाकार अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए उपलब्ध विभिन्न विकल्पों में से सर्वोत्तम विकल्प का चयन करता है । चयन का यहनिर्णय नियोजन की मुख्य विशेषता है किसी कार्य को करने की वैकल्पिक प्रणालियाँ व विधियाँ होती हैं तथा नियोजन में इनमें से सर्वश्रेष्ठ विधि का चुनाव किया जाता है । किसी भी उपक्रम की सफलता बहुत सीमा तक इस चयन पर निर्भर करती है । इसलिए नियोजन को उद्देश्यों को प्राप्त करने की सर्वश्रेष्ठ योजना तैयार करने की प्रक्रिया माना जाता है ।
Characteristic # 8. नियोजन एक पारस्परिक निर्भर प्रक्रिया है (Planning is an Inter-Dependent Process):
एक उपक्रम में अनेक विभाग होते हैं । इन सभी विभागों की अपनी अलग-अलग योजनाएं होती हैं । परन्तु ये उपक्रम की सामूहिक योजना (Master Plan) का एक अंग होती हैं ये विभागीय योजनाएँ एक-दूसरे पर निर्भर होती है ।
Characteristic # 9. नियोजन योजना की एकता है (Planning is Unity of Plan):
हेनरी फेयोल एकता का नियोजन की एक विशेषता मानते हैं । उनके अनुसार एक समय में केवल एक योजना ही लागू की जा सकती है । एक-से-अधिक योजनाओं को एक साथ लागू करने से भ्रान्ति तथा अव्यवस्था उत्पन्न होती है । परन्तु बड़े उपक्रमों में पहले एक बड़ी योजना (Master Plan) बनाई जाती है जिसे बाद में छोटी-छोटी उप-योजनाओं में विभक्त कर दिया जाता है परन्तु इनमें एकता होना आवश्यक है । योजनाओं में निरन्तरता एवं एकता बनाए रखने के लिए पहली योजना के बाद दूसरी योजना तथा दूसरी योजना के बाद तीसरी योजना लागू की जानी चाहिए ।
Characteristic # 10. नियोजन भावी प्राथमिकताओं के क्रम को निर्धारित करता है (Planning Determines the Order of Future Priorities):
नियोजन के अन्तर्गत भविष्य में किए जाने वाले कार्य तथा उनका क्रम पहले से ही निर्धारित कर लिया जाता है ।
Characteristic # 11. नियोजन एक लोचपूर्ण प्रक्रिया है (Planning is a Flexible Process):
नियोजन लोचपूर्ण होना चाहिए ताकि बदलती हुई परिस्थितियों के अनुसार उसमें आवश्यक परिवर्तन तथा सशोधन न्यूनतम लागत पर किए जा सकें ।