Read this article in Hindi to learn about the top four techniques of job analysis in a company. The techniques are: 1. Interview 2. Questionnaire 3. Observation 4. Daily Records.   

Technique # 1. साक्षात्कार (Interview):

कार्य के दायित्वों तथा कर्त्तव्यों के निर्धारण हेतु संभवत: साक्षात्कार सबसे अधिक व्यापक तौर पर प्रयुक्त विधि है । यह कर्मचारियों को आज्ञा देती है कि वे ऐसी गतिविधियों तथा कर्त्तव्यों को रिपोर्ट करें जिनको अन्यथा कर पाना कठिन होता है ।

साक्षात्कार में कार्य में वास्तव में लगे लोगों की प्रति एक प्रत्यक्ष पहुँच का समावेश होता है । साक्षात्कार के अन्तर्गत आने वाले लोगों (Interviewees) से कार्य तथा उसमें उनके अनुभव से जुड़े प्रश्न पूछे जाते हैं ।

साक्षात्कार के एक व्यक्तिगत सन्निहिता पर आधारित होने के कारण इसमें ऐसे आँकड़ों से सभी सम्भव आवश्यकताओं के बारे में सूचना मिलनी चाहिये जैसे कार्य की प्रकृति तथा Jobbers में अपेक्षित आनुपातिक चातुर्य, आदि ।

डाटा संकलन की विधियाँ अनेक हो सकती हैं लेकिन ऐसे तरीके के चयन में सावधानी करती जानी चाहिये जो संगठन के उद्देश्यों, संसाधनों तथा आवश्यकताओं के लिए सर्वाधिक उपयुक्त हो । डाटा सदैव विश्वसनीय होना चाहिये ।

साक्षात्कार दो रूपों में किया जा सकता है:

(i) व्यक्तिगत (Individual),

(ii) समूह (Group) ।

यदि कार्य विशेष के लिए उनके व्यक्तिगत गुण तत्वों को देखा जाना जरूरी हो तो प्रत्येक कर्मचारी के लिए अलग-अलग साक्षात्कार किया जाता है । साथ ही, जब व्यक्तिगत आधार पर एक कर्मचारी कार्यरत हो तो इससे कोई लाभ नहीं होगा यदि उसको साक्षात्कार के लिए समूह में बुलाया जाये ।

अत: एक मैकेनिक, ड्राफ्ट्समैन, ड्राइवर आदि को व्यक्तिगत साक्षात्कार में बुलाया जाना चाहिये । ग्रुप साक्षात्कार, एक उपप्रमेय के तौर पर, एक से काम कर रहे अनेक लोगों के लिए बुलाया गया एक साक्षात्कार होता है जिसमें एक कर्मचारी का काम अन्य कर्मचारियों के काम से अन्त: सम्बद्ध होता है ।

श्रमिकों के ग्रुप पर काम कर रहा एक अधीक्षक (Supervisor) भी साक्षात्कार में बुलाया जा सकता है, जो इसको एक अप्रत्यक्ष ग्रुप साक्षात्कार या एक व्यक्तिगत साक्षात्कार बना देता है । इस बात में सावधानी बरती जानी चाहिये कि ऐसे प्रश्न रखे जायें जो कार्य के सम्बन्ध में अधिकतम सूचनाएँ प्रदान कर सकें ।

Technique # 2. प्रश्नावली (Questionnaire):

इसमें प्रश्नों, हस्तलिखित या मुद्रित, के सैट का समावेश होता है, प्रश्नावली को फिर उनका स्तर पाने के लिए कर्मचारियों को भेज दिया जाता है । एक प्रश्नावली को तैयार करना काफी बुद्धिमत्ता का काम है क्योंकि प्रश्नों के शब्द पाठक को स्पष्ट बता देते हैं कि उससे क्या पूछा जा रहा है ।

अत: उनकी भाषा सरल, पाठक-मित्रवत, स्पष्ट, निर्लिप्त हो तथा जहाँ तक सम्भव हो न हो (Unoffending) प्रहारात्मक । एक बार जब प्रश्नावली में उत्तर भर दिये जाते हैं तो उसको प्रेषक को वापस भेज दिया जाता है । फिर फॉर्म पर उत्तरों की समीक्षा की जाती है, शोध किया जाता है, तथा वास्तविक कार्य अपेक्षाओं का एक Profile विकसित किया जाता है ।

प्रश्नावलियों के निम्न प्रकार प्रमुख हैं:

(a) CODAP : Comprehensive Occupational Data Analysis Programmes.

(b) PAQ : Position Analysis Questions.

(c) FJA: Functional Job Analysis.

(d) MPDQ : Management Position Description Questionnaire.

(e) JAIF : Job Analysis Information Form.

Technique # 3. अवलोकन (Observation):

जब काम शारीरिक गतिविधि का हो अर्थात् उत्पादकता मापी जा सके तक प्रत्यक्ष अवलोकन उपयोगी होता है । लेकिन जहाँ उत्पादन दिमागी प्रतिभा का हो या रचनात्मक प्रकृति का हो तो उत्पादन को मापना नितान्त कठिन हो जाता है जैसे लेखक, कॉपी राइटर्स, पत्रकार आदि । ऐसी परिस्थितियों में न तो अवलोकन विश्वसनीय होता है और न ही संदर्भ योग्य ।

Technique # 4. दैनिक रिकॉर्ड (Daily Records):

सामान्यत: अपने कार्यों को व्यवस्थित करने के लिए कर्मचारी एक डायरी या रोस्टर रखते हैं जिसमें कार्य-उद्देश्यों के साथ-साथ कर्मचारी के उत्तरदायित्वों तथा कर्त्तव्यों का उल्लेख होता है । कभी-कभी अनेक समस्याओं तथा कठिनाइयों का एक नोट दिया जाता है जिनका सामना एक कर्मचारी अपने कार्यों के दैनिक निर्वहन में करता है ।

यहाँ एक सावधानी को (Caveat) जोड़ा जाना होता है कि ऐसे सम्बद्ध रिकॉर्ड अपेक्षित से कहीं ज्यादा जुटा सकते हैं तथा कभी-कभी बेकार की सूचनाएँ भी उपलब्ध करा देते हैं । इसी तरह कुछ उपादेय सूचना हो सकती है बिल्कुल दी ही न जाये ।

अत: प्राथमिकता क्रम में, अच्छा यही रहेगा कि इस विधि को तभी काम में लाया जाये जब अन्य विधि काम में ली जा चुकी हो या उनका काम में लाना सम्भव ही न हो ।

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