Read this article in Hindi to learn about:- 1. Meaning of Morale 2. Definitions of Morale 3. Components  4. Characteristics 5. Factors 6. Importance 7. Measurement. 

Contents:

  1. मनोबल का अर्थ (Meaning of Morale)
  2. मनोबल की परिभाषाएँ (Definitions of Morale)
  3. मनोबल के अंग (Components of Morale)
  4. मनोबल की विशेषताएँ (Characteristics of Morale)
  5. मनोबल को प्रभावित करने वाले घटक (Factors Affecting Morale)
  6. मनोबल का महत्व (Importance of Morale)
  7. मनोबल को कैसे मापा जाए ? (How to Measure Morale?)


1. मनोबल का अर्थ (Meaning of Morale):

अभिप्रेरणा और मनोबल सह-सम्बन्धित हैं । सामान्य भाषा में मनोबल का अर्थ मन की शक्ति से लगाया जाता है जबकि सेना में मनोबल का अर्थ युद्ध की इच्छा से होता है । अत: व्यवसाय में मनोबल का अर्थ कार्य करने की इच्छा से लगाया जाना चाहिए । मनोबल से व्यक्ति की कार्य करने की इच्छा प्रभावित होती है । जब एक व्यक्ति अपने आस-पास के वातावरण से सन्तुष्ट होता है तो उसका मनोबल ऊँचा होता है । परन्तु संगठन में एक व्यक्ति की भावना को प्रोत्साहित न करके समूह की भावना को प्रोत्साहित करने का प्रयत्न किया जाता है ।


2. मनोबल की परिभाषाएँ (Definitions of Morale):

मनोबल की प्रमुख परिभाषाएँ निम्न प्रकार हैं:

(i) लिटन- “वह क्षमता जो व्यक्तियों के एक समूह को सामान्य उद्देश्य की प्राप्ति के लिए निरन्तर तथा अडिग कार्य करने के लिए प्रेरणा देती है, उसे मनोबल कहते हैं ।”

(ii) ग्यों- “मनोबल वह सीमा है जहाँ तक एक व्यक्ति की आवश्यकताओं को सन्तुष्ट किया जाता है और वह सीमा जहाँ तक व्यक्ति यह समझता है कि कुछ कार्य-स्थिति में सन्तुष्टि किस प्रकार नियन्त्रित करती है ।”

(iii) मूने- “मनोबल अनेक मनोवैज्ञानिक गुणों का योग है जिसमें साहस, उत्साह, प्रस्ताव और सबसे ऊपर विश्वास को सम्मिलित करते हैं ।”

(iv) फिलिप्पो के अनुसार- ”मनोबल एक मानसिक अवस्था है अथवा व्यक्तियों एवं समूहों की प्रवृत्ति है जिसके द्वारा उनकी सहयोग करने की इच्छा निर्धारित की जाती है ।”

(v) कीथ डेविस के अनुसार- “मनोबल व्यक्तियों और समूहों में अपने कार्य सम्बन्धी वातावरण और संगठन के सर्वोपरि हितों की पूर्ति के लिए अपनी पूर्ण योग्यता कुशलता में स्वैच्छिक सहयोग करने की भावना है ।”

(vi) डेल योडर के अनुसार- ”मनोबल एक कर्मचारी द्वारा कार्य करने वाले और संगठन दोनों के रूप में कुल सन्तुष्टियों का योग है । इसमें मनोबल को, जिस प्रकार वह काम करता है, उसके अपने साथियों के अपनी प्रतिष्ठा एवं पद के और नियोक्ता के प्रति मनोभाव के रूप में देखा जाता है ।”

मनोबल की परिभाषाओं में आपस में बहुत अधिक अन्तर पाया जाता है ।

गुइन (Guian) ने विभिन्न परिभाषाओं का सार निम्न प्रकार बतलाया है:

(i) संघर्ष का अभाव ही मनोबल है (Absence of Conflicts is Morale),

(ii) प्रसन्नता की भावना (Feeling of Happiness),

(iii) अच्छा व्यक्तित्व समायोजन (Good Personal Adjustment),

(iv) कार्य में अहम की भावना (Ego-Involvement in One’s Job),

(v) कार्य सम्बन्धी अभिवृत्तियाँ (Job Related Attitudes),

(vi) व्यक्ति द्वारा सफल लक्ष्यों को स्वीकार करना (Individuals Acceptance of the Goals of the Groups) ।


3. मनोबल के अंग (Components of Morale):

मनोबल के निम्नलिखित मुख्य अंग हैं:

(i) क्या है ?- मनोबल एक मानसिक प्रवृत्ति है अत: यह कल्याण की स्थिति और भावात्मक दबाव है ।

(ii) इसका कार्य- मनोबल का निश्चित रूप से माल की किस्म, माल की लागत, पारस्परिक सहयोग, स्वप्रेरणा और व्यवसाय की सफलता पर प्रभाव पड़ता है ।

(iii) निवास- मनोबल का निवास कर्मचारियों की भावनाओं एवं मस्तिष्क एवं उनकी समूह प्रतिक्रियाओं में होता है ।

(iv) प्रभाव- मनोबल का कर्मचारियों, उपभोक्ताओं के साथ-साथ सम्पूर्ण समाज पर प्रभाव पड़ता है ।

(v) मनोबल के प्रभाव की प्रकृति- मनोबल का कर्मचारियों की काम करने की इच्छा-शक्ति और संस्था के सर्वोपरि हितों पर प्रभाव पड़ता है ।


4. मनोबल की विशेषताएँ (Characteristics of Morale):

मनोबल में निम्न विशेषताएँ पाई जाती हैं:

(i) मानसिक प्रक्रिया (Mental Process):

मनोबल एक मानसिक प्रक्रिया है । इसे स्पष्ट रूप से देखा नहीं जा सकता, केवल अनुभव किया जा सकता है । मनोबल का अभिप्राय उसी समय स्पष्ट होता है जब इसका प्रयोग किसी विशेष संदर्भ में उच्च या निम्न मनोबल के लिए किया जाता है ।

(ii) व्यक्तिगत भावना की अपेक्षा समूह भावना (Group-Feeling than Personal Feeling):

मनोबल एकल भावना न होकर संयुक्त भावना है । व्यापार में व्यक्ति की अपेक्षा वर्ग को अधिक महत्व दिया जाता है । इसमें एक व्यक्ति विशेष की सन्तुष्टि की बजाय वर्ग की सन्तुष्टि की ओर अधिक ध्यान दिया जाता है ।

(iii) मिश्रित अनुभूति:

मनोबल एक मानसिक दशा है जिस पर अनेक तत्वों का प्रभाव पड़ता है । मनोबल से भूत के प्रति संतोष, वर्तमान का उत्साह और भविष्य की आशा की झलक मिलती है ।

(iv) भावनाओं, विचारों तथा दृष्टिकोणों का समूह (Group of Feelings, Thoughts and Viewpoints):

मनोबल अनेक मनोवैज्ञानिक गुणों का योग होता है जिसमें भावनाएँ, विचार तथा दृष्टिकोण प्रमुख हैं । यह कर्मचारी के अपने कार्य के वातावरण, सहयोगियों व संस्था के उद्देश्यों और अपने कार्य के प्रति व्यापक दृष्टिकोण की झलक प्रस्तुत करता है ।

(v) साहस व विश्वास को जन्म (Creation to Courage and Faith):

एक व्यक्ति में जितना अधिक मनोबल होगा वह उतना ही अधिक साहसी तथा उसमें उतना ही अधिक आत्मविश्वास होगा । अत: यह कहना अनुचित न होगा कि मनोबल में साहस व विश्वास को जन्म मिलता है ।


5. मनोबल को प्रभावित करने वाले घटक (Factors Affecting Morale):

मनोबल पर निम्न घटकों का प्रभाव पड़ता है:

(i) वित्तीय घटक (Financial Factors):

वित्तीय घटकों में मजदूरी, वेतन, प्रीमियम, बोनस, इत्यादि को सम्मिलित किया जाता है । मनुष्य के मनोबल को ऊँचा रखने के लिए यह महत्वपूर्ण तथा प्रेरणात्मक घटक है । इससे मानव की प्राथमिक आवश्यकताओं की पूर्ति होती है । इसकी मात्रा के बढ़ने के साथ-साथ मनोबल के स्तर में भी वृद्धि होती जाती है ।

(ii) अवित्तीय घटक (Non-Financial Factors):

इसमें निम्न घटक सम्मिलित हैं:

(a) उन्नति के अवसर,

(b) भय का अभाव,

(c) नौकरी में स्थायित्व,

(d) कार्यक्षमता का आदर,

(e) सुझावों को आमन्त्रित करना,

(f) रचनात्मक प्रवृत्तियों को बढ़ावा,

(g) न्याय पूर्वक व्यवहार,

(h) अधिकार सौंपना,

(i) संयुक्त-परामर्श, इत्यादि ।

नोट- विस्तार के लिए अभिप्रेरणा में अमौद्रिक विधियों को देखिए ।


6. मनोबल का महत्व (Importance of Morale):

किसी भी क्षेत्र में सफलता के लिए मनोबल का ऊँचा होना अनिवार्य है । इसका सबसे बड़ा लाभ या महत्व यह है कि इससे उद्योग की उत्पादकता बढ़ जाती है । व्यक्ति का मनोबल बढ़ने के साथ उसमें प्रेरणा भी बढ़ती है । प्रेरणा के बढ़ने से व्यक्ति अपनी पूर्ण कार्यकुशलता से कार्य करता है ।

यदि कर्मचारी में प्रेरणा का अभाव है, वह प्रबन्ध की कार्यवाही से सन्तुष्ट नहीं है तो अपनी पूर्ण कार्यक्षमता से कार्य नहीं करेगा, जिससे उत्पादन पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा । मनोबल से सहयोग की भावना जागृत होती है । कर्मचारी संगठन के उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए सदैव तत्पर रहेंगे तथा प्रबन्ध को पूर्ण सहयोग देंगे ।

यदि कर्मचारियों का मनोबल ऊँचा नहीं है इससे श्रमिक सदैव तनाव से पीड़ित रहेगा । उसकी कार्य के प्रति रुचि कम हो जाएगी, दूसरे साथियों से झगड़ने की कोशिश करेगा, जिससे औद्योगिक अशान्ति को बढ़ावा मिलेगा तथा झगड़े बढ़ने की सम्भावना बनी रहेगी ।

मनोबल से ऊँचा होने से श्रमिक का प्रबन्ध के प्रति व्यवहार सन्तोषजनक हो जाता है । इससे शिकायतों में कमी आती है, अनुपस्थिति की दर कम हो जाती है, श्रम आवर्त (Labour/Turnover) की दर कम हो जाती है तथा उद्योग में स्थायित्व आता है ।


7. मनोबल को कैसे मापा जाए ? (How to Measure Morale?):

किसी उद्योग में श्रमिकों के मनोबल को मापने के निम्न तरीके हैं:

(i) उत्पादन में वृद्धि (Increase in Production):

उत्पादकता मनोबल को मापने का एक प्रमुख आधार है । यदि उत्पादन में वृद्धि हुई है तो इसका अर्थ है कि श्रमिकों का मनोबल भी बढ़ा है ।

(ii) संगठन के प्रति व्यवहार (Attitude towards Organisation):

यदि श्रमिकों का संगठन के प्रति व्यवहार अच्छा है और वे प्रबन्धकों को अपना हितैषी मानने लगे हैं तो समझिए कि श्रमिकों के मनोबल में वृद्धि हुई है ।

(iii) प्रत्यक्ष माप (Direct Measurement):

श्रमिकों के प्रत्यक्ष रूप से प्रश्न पूछकर मनोबल के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है । इसके साथ ही उद्योग से सम्बन्ध रखने वाले अन्य व्यक्तियों से भी श्रमिकों के मनोबल के बारे में पुछताछ करके पता लगाया जा सकता है ।

(iv) अप्रत्यक्ष माप (Indirect Measurement):

अनुपस्थिति, दुर्घटनाएँ तथा श्रम आवर्त्त दर में कमी, आदि अप्रत्यक्ष रूप से श्रमिकों के मनोबल में कमी की द्योतक है ।


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