Read this article in Hindi to learn about:- 1. Causes of Transfer 2. Types of Transfers 3. Problems 4. Transfer Policy.

स्थानान्तरण के कारण (Causes of Transfer):

स्थानान्तरण के निम्नलिखित मुख्य कारण हैं:

1. प्रशासकीय कारण (Administrative Causes):

संस्था में किसी भी एक विभाग में कर्मचारियों की माँग में वृद्धि या कमी के फलस्वरूप कर्मचारियों का अभाव या आधिक्य हो सकता है । यदि किसी एक विभाग में कार्य भार बढ़ जाने पर अतिरिक्त कर्मचारियों (Additional Employees) की आवश्यकता है एवं किसी दूसरे विभाग में कर्मचारियों का आधिक्य (Surplus) है तो कर्मचारियों का स्थानान्तरण किया जा सकता है ।

इसके अतिरिक्त कुछ संस्थाओं में कर्मचारियों को एक विभाग में कुछ निश्चित समय/वर्ष तक रखने के बाद स्थानान्तरण नीति के रूप में किया जाता है ।

2. कर्मचारी सुविधा (Employee Facility):

स्थानान्तरण एक कर्मचारी की प्रार्थना पर भी किया जा सकता है । यह स्थानान्तरण कर्मचारी का स्वास्थ्य खरनाब होने पर, पारिवारिक परिस्थितियों, कार्य में सन्तुष्ट न होने अथवा कार्य में रुचि के अभाव आदि के कारण हो सकता है । इसके लिए दोषपूर्ण चुनाव विधि उत्तरदायी है ।

3. तकनीकी कारण (Technical Causes):

एक नए विभाग का कार्य कुशलतापूर्वक चलाने के लिए योग्य एवं अनुभवी कर्मचारियों की आवश्यकता होती है । अत: इसके लिए विशिष्ट योग्यता प्राप्त व्यक्ति का स्थानान्तरण कर दिया जाता है ।

एक कर्मचारी को प्रशिक्षण देने के लिए भी उसका स्थानान्तरण किया जा सकता है । इसी प्रकार कर्मचारी के एक विभाग में उपयुक्त सिद्ध न होने पर उसको योग्यतानुसार दूसरे विभाग में स्थानान्तरण किया जा सकता है ।

4. औद्योगिक सम्बन्ध (Industrial Relations):

संस्था में अच्छे औद्योगिक सम्बन्ध बनाए रखने के लिए भी स्थानान्तरण किया जा सकता है । कर्मचारियों का पदाधिकारियों से विवाद हो जाने पर अथवा कर्मचारी समूहों में आपसी झगड़े हो जाने पर भी स्थानान्तरण आवश्यक हो जाता है ।

स्थानान्तरण के प्रकार (Types of Transfers):

स्थानान्तरण के मुख्यत: निम्नलिखित प्रकार हैं:

1. उत्पादन स्थानान्तरण (Production Transfer):

इसके अन्तर्गत, संस्था अपने योग्य एवं कुशल कर्मचारियों को जबरी-छुट्टी (Lay-Off) से बचाने के लिए एक विभाग से दूसरे विभाग में स्थानान्तरित कर सकती है । इसकी आवश्यकता उस समय होती है, जब संस्था के एक विभाग में कार्यभार कम हो जाता है जबकि किसी अन्य विभाग में कार्यभार बढ़ जाता है ।

2. प्रतिस्थापन स्थानान्तरण (Replacement Transfer):

इसके अन्तर्गत, एक वरिष्ठ कर्मचारी (Senior Employee) को किसी अन्य विभाग में कम अवधि की सेवा वाले कर्मचारी के स्थान पर स्थानान्तरित किया जाता है । इसे Bumping भी कहा जाता है । इसका मुख्य उद्देश्य संस्था में योग्य, कुशल एवं वरिष्ठ कर्मचारी को संस्था में बनाए रखना है परन्तु इस प्रक्रिया में कम अवधि की सेवा वाले कर्मचारी को संस्था से हटा दिया जाता है ।

3. परिवर्तनीय स्थानान्तरण (Versatility Transfer):

इसके अन्तर्गत कर्मचारियों को विभिन्न विभागों में रखकर विभिन्न कार्यों में प्रशिक्षित किया जाता है । इस प्रकार उन्हें व्यापक कार्य-अनुभाव प्रदान किया जाता है । इसका उद्देश्य कर्मचारी को उत्पादन स्थानान्तरण तथा प्रतिस्थापन स्थानान्तरण के लिए तैयार करना है ।

4. शिफ्ट स्थानान्तरण (Shift Transfer):

निर्माणी संस्थाओं में काम शिफ्टों में किया जाता है । इन संस्थाओं में कर्मचारियों को क्रम से दिन अथवा रात की शिफ्ट में स्थानान्तरित किया जा सकता है ।

5. उपचारात्मक स्थानान्तरण (Remedial Transfer):

इस संस्था का उद्देश्य दोषपूर्ण नियुक्ति में सुधार करना है । किसी कर्मचारी को अपने अधिकारी के साथ झड़प हो जाने से अथवा कर्मचारी का स्वास्थ्य खराब होने से यदि वह अपने कार्य पर सुविधा अनुभव नहीं करता तो ऐसी दशाओं में कर्मचारी का स्थानान्तरण करना ही उपचारात्मक स्थानान्तरण कहलाता है ।

6. विभागीय स्थानान्तरण (Departmental Transfer):

यदि स्थानान्तरण एक विभाग से दूसरे विभाग में किया जाता है तो इसे विभागीय स्थानान्तरण कहते हैं जैसे विक्रय से क्रय विभाग में स्थानान्तरण ।

7. अन्त:संयंत्र स्थानान्तरण (Inter-Plant Transfer):

यदि एक कर्मचारी को एक संयंत्र (Plant) से दूसरे संयंत्र में स्थानान्तरण किया जाता है तो इसे Inter-Plant Transfer कहते हैं ।

इसके अतिरिक्त स्थानान्तरण को अस्थायी स्थानान्तरण (Temporary Transfer) या स्थायी स्थानान्तरण (Permanent Transfer) में वर्गीकृत किया जा सकता है ।

स्थानान्तरण में कठिनाइयाँ (Problems of Transfer):

स्थानान्तरण के कारण कर्मचारी को अग्रांकित कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है:

1. कर्मचारी को नए कार्य, स्थान, वातावरण एवं अधिकारियों के साथ समायोजन में कठिनाई आती है ।

2. एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानान्तरण से कर्मचारी एवं उसके परिवार को असुविधा होती है । इसके अतिरिक्त परिवार के लिए रहने की समस्या एवं बच्चों की पढ़ाई में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है ।

3. एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानान्तरण से कार्य दिनों (Working Days) का नुकसान होता है ।

4. संस्था की पहल पर किए गए स्थानान्तरण से कर्मचारियों की कार्यक्षमता में कमी आती है ।

5. स्थानान्तरण में पक्षपात से कर्मचारियों के मनोबल एवं कार्य सन्तुष्टि पर बुरा प्रभाव पड़ता है ।

एक प्रभावी स्थानान्तरण नीति से उपयुक्त सभी समस्याओं को कम किया जा सकता है ।

स्थानान्तरण नीति (Transfer Policy):

प्रत्येक संस्था को अपनी स्थानान्तरण नीति स्पष्ट करनी चाहिए अन्यथा अधिकारी अपने अधीनस्थों के स्थानान्तरण में मनमानी करेंगे इससे कर्मचारियों को निराशा होगी । इसी प्रकार अधीनस्थ भी छोटे-छोटे मामलों पर हस्तान्तरण करने का आवेदन करेंगे ।

अधिकतर कर्मचारी ऐसे कार्यों पर स्थानान्तरण करवाना चाहेंगे जिसमें कोई खतरा न हो व कार्य भी आसान हो । इससे संस्था को स्थानान्तरण के प्रबन्ध में कठिनाई का सामना करना पड़ेगा । अत: प्रत्येक संस्था की स्थानान्तरण नीति स्पष्ट होनी चाहिए ।

एक अच्छी स्थानान्तरण नीति में निम्नलिखित तत्त्वों का समावेश होना चाहिए:

1. किन परिस्थितियों में एक कर्मचारी का स्थानान्तरण किया जा सकता है ?

2. स्थानान्तरण के लिए पहल कौन करेगा तथा स्वीकृत करने के लिए उत्तरदायी कौन होगा ?

3. किन क्षेत्रों तथा इकाइयों में स्थानान्तरण किया जाएगा ?

4. स्थानान्तरण के लिए आधार क्या होगा, वरिष्ठता या योग्यता या दोनों ?

5.स्थानान्तरित कर्मचारी का वेतन क्या होगा ?

6. दो या दो से अधिक व्यक्ति स्थानान्तरण के लिए इच्छुक हों तो ऐसी दशाओं में स्थानान्तरण करने में प्राथमिकता का आधार क्या होगा ?

7. व्यक्तिगत स्थानान्तरण (Personal Transfers) किन कारणों से किए जा सकते हैं एवं उन कारणों की प्राथमिकता क्या होगी ?

8. क्या स्थानान्तरण के दौरान कर्मचारियों की वरिष्ठता को सुरक्षित रखा जाएगा या नहीं ?

संस्था की स्थानान्तरण नीति स्पष्ट होनी चाहिए तथा इसकी जानकारी सभी कर्मचारियों को होनी चाहिए ।

Home››Hindi››Human Resource››