Read this article in Hindi to learn about the procedure of disciplinary action for employees in industries.
1. प्राथमिक जाँच (Primary Investigation):
सबसे पहले कर्मचारी के व्यवहार के बारे में जाँच की जानी चाहिए और यह देखना चाहिए कि क्या उसके खिलाफ दुर्व्यवहार का केस बनता है या नहीं । यदि दुर्व्यवहार का केस बनता है तो अगला कदम निम्नलिखित है ।
2. चार्जशीट जारी करना (Issue of a Charge Sheet):
यदि कर्मचारी के खिलाफ दुर्व्यवहार (Issue of a Charge Sheet) का केस तय हो जाता है, तो उसे चार्जशीट जारी की जाती है । चार्जशीट कर्मचारी को चार्जस के बारे में सूचना देने तथा उसे अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए दी जाती है ।
3. निलम्बन (Suspension):
यदि चार्ज अधिक बड़े हैं, तो कर्मचारी सस्पैंड भी किया जा सकता है । औद्योगिक रोजगार अधिनियम 1946 के तहत कर्मचारी को निलम्बन अवधि में जीवनयापन के लिए आधी तनख्वाह दी जाती है ।
4. पूछताछ का नोटिस (Notice of Enquiry):
यदि कर्मचारी अपने ऊपर लगाए गए चार्जस को मान लेता है, तो उसे सजा सुनाई जा सकती है । लेकिन यदि कर्मचारी अपने ऊपर लगाए दोषों को स्वीकार नहीं करता है, तो उसे पेश होने के लिए अग्रिम नोटिस दिया जाता है, जिसमें स्थान समय तथा तिथि का वर्णन होता है ।
5. पूछताछ करना (Conduct of Enquiry):
कर्मचारी से पूछताक्ष निष्पक्ष तरीके से एक जिम्मेदार अधिकारी द्वारा की जानी चाहिए । कर्मचारी को बोलने का पूरा मौका दिया जाना चाहिए ।
6. सजा देना (Awarding Punishment):
यदि पूछताछ (Enquiry) के दौरान कर्मचारी अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए दोषी पाया जाता है, तो उसे पूछताछ के दौरान लिखित तथ्यों के आधार पर सजा दी जा सकती है । जुर्माना, वार्षिक वेतन वृद्धि रोकना, पदोवनति, निलम्बन अथवा टर्मिनेशन आदि के रूप में सजा का ऐलान किया जा सकता है ।
7. सजा की सूचना देना (Communicating Punishment):
सजा का निर्णय होने के बाद कर्मचारी को इसकी सूचना दी जाती है ।