Read this article in Hindi to learn about the various forms of industrial disputes.

Form # 1.  हड़ताल (Strikes):

हड़ताल से अभिप्राय उस स्थिति से है, जब श्रमिक अपनी माँगों को पूरा करवाने के लिए कार्य के स्थान को छोड्‌कर बाहर चले जाते हैं, और कार्य नहीं करते । हड़ताल के अन्तर्गत कार्य अस्थायी रूप से रुक जाता है, एवं उत्पादन कार्य बन्द हो जाता है ।

औद्योगिक विवाद अधिनियम (Industrial Disputes Act) के अनुसार, “हड़ताल का तात्पर्य है, कि उद्योग में कार्य करने वाले लोगों द्वारा सामूहिक रूप से कार्य को अस्वीकार कर देना अथवा किसी मतैक्य के अन्तर्गत उन लोगों द्वारा कार्य को अस्वीकार कर दिया जाना जिनकी नियुक्ति कार्य करने के लिए की गयी है ।”

हड़ताल का सामान्य अर्थ उद्योग में नियुक्त श्रमिकों द्वारा सामूहिक रूप से कार्य बन्द कर देने अथवा कार्य स्वीकार न करने से है ।

हड़ताल में मुख्यत: निम्नलिखित विशेषताओ/तत्वों का समावेश होता है:

(i) हड़ताल श्रम संघों द्वारा की जाती है । यदि संस्था में श्रम संघनहीं है, और कर्मचारियों द्वाराकार्य बन्द कर दिया जाता है, तो भी हड़ताल मानी जाती है ।

(ii) हड़ताल में यह भी आवश्यक होता है, कि श्रमिक कार्य को सामूहिक रूप से बन्द करें । केवल एक श्रमिक कार्य न करे तो वह आदेश का उल्लंघन माना जाता है न कि हड़ताल ।

(iii) हड़ताल में नियोक्ता एवं कर्मचारी का सम्बन्ध बना रहता है । किसी भी कारणवश काम को बन्द करने या नहीं करने या स्वीकार न करने की स्थिति हडताल में ही शामिल हो जाती है ।

(iv) हडताल में यह जरूरी नहीं कि श्रमिक कार्य स्थल छोड्‌कर संस्था से चले जायें । आजकल हड़ताल के विभिन्न रूपों में श्रमिक कार्य के करते हुए भी हड़ताल कर सकते हैं ।

अत: यह कहा जा सकता है, कि श्रमिक एवं नियोक्ता के आपसी हितों के टकराव का परिणाम होता है हड़ताल । वर्तमान में समाज का प्रत्येक वर्ग अपने हितों की रक्षा के लिए हड़ताल का आश्रय लेता है । हड़ताल भी विभिन्न रूपों में होती है ।

हड़ताल के विभिन्न रूप निम्नलिखित हो सकते हैं:

(i) सांकेतिक हड़ताल (Token Strikes):

इस तरह की हडताल श्रमिक अपनी किसी समस्या पर नियोक्ता का ध्यान आकर्षित करने के लिए करते हैं । यह हड़ताल आमतौर पर एक दिन के लिए की जाती है । नियोक्ता द्वारा समस्या का समाधान न किए जाने पर बाद में विधिवत हड़ताल की जाती है ।

(ii) नियमानुसार कार्य हड़ताल (Strikes and Work According to Rule):

इस तरह की हड़ताल में श्रमिक नियमानुसार कार्य करते रहते हैं, और अपना विरोध भी प्रदर्शित करते रहते हैं । बैंक कर्मचारी एव उड्डयन (Air) विभाग इस तरह की हडतालें करते है ।

(iii) धीरे काम करो हड़ताल (Go Slow Strikes):

इस तरह की हड़तालों के अन्तर्गत श्रमिक कार्य तो करते हैं, परन्तु वे अपनी पूरी कार्य क्षमता से कार्य नहीं करते । कार्य की धीमी गति करके वे नियोक्ताओं को अपनी माँगें मनवाने पर बाध्य करने का प्रयास करते हैं ।

(iv) सहानुभूति हड़तालें (Sympathetic Strikes):

इस तरह की हड़तालें श्रमिकों द्वारा अपनी किसी विशेष माँग के लिए नहीं होती हैं, बल्कि ये हड़तालें श्रमिकों द्वारा अन्य हड़तालें करने वाले संघों की सहायता के लिए की जाती है । इसमें श्रमिक संघ अपनी सामूहिक शक्ति का प्रदर्शन करते हैं ।

(v) भूख हड़ताल (Hunger Strikes):

हड़तालों का यह सबसे अधिक प्रचलित रूप है । इस तरह की हड़ताल के अन्तर्गत श्रमिक अपनी माँगें मनवाने के लिए अपने आपको भूखा रखकर नियोक्ता पर दबाव डालते हैं । आमतौर पर भूख हड़ताल किसी निर्णय को वापस लेने के लिए की जाती है । श्रम संघ नेता वर्ग या समाज के अन्य वर्ग इस तरह की हड़तालों का प्रयोग करते हैं ।

(vi) कलम छोड़ हड़ताल (Pen Down Strikes):

इस तरह की हड़ताल के अन्तर्गत कर्मचारी कार्य स्थल पर जाते तो हैं परन्तु कार्य नहीं करते । कलम छोड़ हड़ताल भी हडतालों का एक बहुत प्रचलित रूप है ।

Form # 2. तालाबन्दी (Lock Out):

जिस तरह से श्रमिक वर्ग अपनी माँगों को मनवाने के लिए हड़तालों का सहारा लेते है, उसी तरह से नियोक्ता वर्ग भी श्रमिकों को झुकाने के लिए एक हथियार का प्रयोग करते हैं, जो कि तालाबन्दी के नाम से जाना जाता है ।

तालाबन्दी से अभिप्राय उस स्थिति से है, जबकि मालिक उस समय तक मिल को बन्द कर देते हैं, जब तक कि श्रमिक उसके द्वारा प्रस्तुत शर्तों को स्वीकार नहीं कर लेते । तालाबन्दी के पीछे यह उद्देश्य रहता है, कि श्रमिक उसके द्वारा प्रस्तुत शर्तों को स्वीकार कर लें ।

इसमें नियोक्ता किसी-न-किसी रूप में काम बन्द कर देता है, या स्थगित कर देता है । नियोक्ता की माँग पूरी होने जाने पर संस्था को पुन: खोल दिया जाता है । यदि नियोक्ता हमेशा के लिए स्थायी रूप से कारखाना बन्द कर देता है, तो उसे तालाबन्दी नहीं कहा जा सकता क्योंकि वहाँ स्थिति किसी माँग को पूरा करने की नहीं होती ।

अत: तालाबन्दी तभी समझी जाएगी जब नियोक्ता पुन: रोजगार दे सकता है, अथवा काम जारी रख सकता है, या संस्थान पुन: खोलकर श्रमिकों को काम करने के लिए कह सकता है ।

अत: जब श्रमिकों की माँगे नहीं मानी जाती या उनका शोषण किया जाता है, तो वे हड़ताल का सहारा लेते हैं, ठीक इसके विपरीत जब श्रमिक अनावश्यक माँगे करते हैं, या नियोक्ता का शोषण करने का प्रयत्न करते हैं, तो नियोक्ताओं द्वारा तालाबन्दी जैसा अस्त्र प्रयोग किया जाता है ।

Form # 3. घिराव (Gheraos):

‘घिराव’ शब्द हिन्दी के ‘घेरना’ शब्द से बना है, जिसका अर्थ है किसी वस्तु को सभी ओर से घेराबन्दी करके इसके अन्दर/भीतर रखना । घिराव भी एक प्रकार की विशिष्ट हडताल है, जिसके अन्तर्गत श्रमिक नियोक्ता या प्रबन्धक को अपनी माँगे पूरी करवाने के उद्देश्य से घेर लेते हैं, तथा उन्हें बाहर आनेजाने नहीं देते ।

यह घिराव तब तक जारी रखा जाता है, जब तक उनकी माँगों को मान नहीं लिया जाता है, या कोई आश्वासन नहीं दे दिया जाता है । घिराव के लिए थोडे से श्रमिक ही काफी समझे जाते हैं ।

घिराव सामान्यत: अल्पकालीन होते हैं । घिराव में वातावरण तनाव से परिपूर्ण होता है, एवं घिराव के दौरान हिंसा और भय का वातावरण बना रहता है । अत: घिराव हड़ताल का एक रूप है, जो कि श्रमिक अपनी माँगों को मनवाने के लिए प्रयोग करते हैं ।

Form # 4.  बन्द (Bund):

बन्द का प्रयोग औद्योगिक विवाद के बहुत अधिक बढ़ जाने पर किया जाता है । जब कोई विवाद या समस्या का समाधान नियोक्ता द्वारा नहीं किया जाता और श्रमिकों द्वारा हड़ताल का प्रयोग भी जब सफल नहीं हो रहा होता तो वे हड़ताल को और उग्र रूप दे देते हैं, जो कि बन्द के रूप में सामने आता है ।

इसमें श्रम संघ अपनी माँगों को मनवाने के लिए जिला स्तर पर या राज्य स्तर पर औद्योगिक प्रतिमानों के कार्य को बन्द करवाने का प्रयास करते हैं । इस स्थिति में श्रमिक प्रयत्न करते हैं, कि पूरे शहर में विभिन्न औद्योगिक संस्थाएँ, गैर-औद्योगिक संस्थाएं, स्कूल एवं कॉलेज बन्द रहें ताकि नियोक्ता वर्ग पर प्रभाव डाला जा सके ।

बन्द, हडताल का काफी उग्र रूप है । हमारे देश में बन्द को आन्दोलन सफल करने के लिए विभिन्न संघों द्वारा प्रयोग किया जाता है । कई बार सरकार के किसी निर्णय को लागू किए जाने के विरोध में देश-व्यापी बन्द किए जाते हैं ।

अत: बन्द के विभिन्न श्रमिक संघ औद्योगिक संघ अपनी माँगों को मनवाने के लिए किसी निर्णय को वापस लिए जाने के लिए प्रयास करते हैं ।