Here are some of the examples of bad news letters especially written in Hindi language.

Example # 1. साख प्रदान करने की असमर्थता का पत्र (Letter of Regret to Grant Credit):

साख (Credit) प्रदान करने की असमर्थता के पत्र नकारात्मक भी हो सकते हैं और सकारात्मक भी । साख प्रदान करने का मामला भी कुछ इस प्रकार का होता है कि यदि इसे चतुरतापूर्वक न लिखा जाये तो साख प्राप्त करने वाला व्यक्ति अपमानित महसूस करता है, क्योंकि साख का मामला व्यक्तिगत होता है ।

अत: इस प्रकार के पत्र अप्रत्यक्ष दृष्टिकोण (indirect Approach) को ध्यान में रखकर लिखे जाने चाहिए । साख (Credit) अथवा उधार माल देने से मना करने के कई कारण हो सकते हैं जेब कोई ऐसा व्यापारी कहे जिसका पिछला रिकार्ड यह दर्शाता है कि उसने उधार चुकाने में लापरवाही बरती है, तब आप उसे उधार देने से तुरन्त मना कर सकते हैं ।

साख प्रदान करने की असमर्थता का पत्र

Example # 2. आदेशित माल भेजने में अस्वीकृति का पत्र (Refusal Letter for Ordered Goods):

कभी-कभी विक्रेता आदेशित माल भेजने में अपने आपको असमर्थ पाता है जिसके कई कारण हो सकते है ।

जैसे:

(i) माल का स्टॉक में न होना,

(ii) किसी आकस्मिक धटना, जैसे- हड़ताल, बाढ़ आदि का आ जाना,

(iii) पीछे से माल की सप्लाई का न आना,

(iv) विदेश से माल का न पहुँच पाना इत्यादि ।

उपरोक्त परिस्थितियों में माल का आदेश प्राप्त होने के बाद, जो पत्र लिखा जाता है, उसे ‘अस्वीकृति पत्र’ (Letter of Refusal) कहते हैं ।

इस प्रकार के पत्र लिखने में विशेष सावधानी बरती जानी चाहिए, विशेषकर ऐसे पत्रों की भाषा विनम्र होनी चाहिए । अस्वीकृति के कारणों का स्पष्ट उल्लेख तथा भविष्य में सेवा का अवसर प्रदान करने की याचना इनमें की जानी चाहिए ।

आदेशित माल का न भेजा जाना (Refusal for Ordered Goods):

Example # 3. प्रदत्त एजेन्सी को रद्द करना (Cancellation of an Agency):

कभी-कभी विशेष परिस्थितियों में प्राप्त एजेन्सी रह कर दी जाती है । ऐसा प्राय: एजेन्सी लेते समय किए गए अनुबन्ध की शर्तों का पालन न करने के कारण होता है ।

प्रदत्त एजेन्सी को रद्द करने के सम्बन्ध में लिखे गये पत्र का नमूना:

प्रदत्त एजेन्सी को रद्द करना:

Example # 4. आर्थिक-स्थिति के बारे में प्रतिकूल उत्तर (Unfavourable Reply of a Trade Reference):

आजकल व्यापार में अधिकतर माल उधार बेचा व खरीदा जाता है । पुराने ग्राहकों को तो उधार माल बेचने में अधिक छानबीन की आवश्यकता नहीं पड़ती परन्तु जब कोई नया ग्राहक उधार माल खरीदना चाहता है तो बड़ी सतर्कता से कार्य करना पड़ता है क्योंकि एक ओर रकम के जोखिम की ओर ध्यान देना होता है तो दूसरी ओर ग्राहक के चले जाने की सम्भावना रहती है ।

सबसे पहले जब ग्राहक उधार माल मंगाने के लिए कहता है तो उसका विक्रेता व्यापारिक सन्दर्भ भेजने के लिए प्रार्थना करता है । पत्र के उत्तर में क्रेता उन व्यापारियों के नाम, पते सन्दर्भ में भेजता है जिनके साथ उसके पुराने व्यापारिक सम्बन्ध रहे हों और आर्थिक-स्थिति तथा साख के विषय में सूचना दे सकें ।

सन्दर्भदाता तीन प्रकार से कोई भी सम्मति दे सकता है:

(i) अनुकूल,

(ii) प्रतिकूल, व

(iii) उदासीन ।

विक्रेता को चाहिए कि वह इस प्रकार के पत्र सरल व स्पष्ट भाषा में लिखे और उनको बता दे कि जो कुछ भी वे कहेंगे, वह सूचना गुप्त रखी जायेगी । पत्र के साथ उत्तर के लिए एक पता लिखा हुआ टिकटदार लिफाफा भी होना चाहिए ।

ऐसे पत्र का उत्तर देने वाले को बड़ी सावधानी से उन सब बातों का स्पष्ट उत्तर देना चाहिए जो उससे पूछी गई हैं । कभी कोई बात छिपानी नहीं चाहिए और न बढ़ा-चढ़ा कर ही लिखनी चाहिए । उपर्युक्त जांच का उत्तर यदि अनुकूल होता है तो विक्रेता क्रेता को माल उधार भेज देता है अन्यथा वह नम्र शब्दों में उत्तर भेज देता है कि वह उधार माल भेजने में असमर्थ है और क्रेता से मूल्य भेजने की प्रार्थना करता है । ऐसे पत्र को प्रतिकूल उत्तर वाला पत्र कहते हैं ।

ऐसे ही एक पत्र का नमूना नीचे दिया जा रहा है:

सन्दर्भ के पत्र (Reference Letter) का नमूना:

Example # 5. नियमों का उल्लंघन करने पर दण्ड देना (Penalty on Violation of Rules):

व्यावसायिक संगठन के नियमों का उल्लंघन करने पर प्रतिकूल सन्देश वाले पत्र भेजना व भविष्य के लिए उनको चेतावनी देने के सम्बन्ध में इस प्रकार के पत्र लिखे जाते है । ऐसे पत्रों में नियमों के अनुसार यदि किसी प्रकार का दण्ड देने का प्रावधान है तो उसका भी उल्लेख कर देना चाहिए । प्रतिकूल सन्देश वाले पत्र ग्राहक व कर्मचारी दोनों को भेजे जा सकते है ।

Example # 6. अस्वीकृत प्रार्थनाएँ अथवा प्रार्थनाओं को स्वीकार न करना (Refused Request):

ग्राहकों व कर्मचारियों के द्वारा विभिन्न प्रकार की प्रार्थनाएँ संगठन को की जाती हैं । जब आप किसी प्रार्थना को अस्वीकार करते है तब आप इसकी सूचना देने के लिए प्रतिकूल सन्देश पत्र लिखते हैं । इस प्रकार के पत्रों को सावधानीपूर्वक तैयार करना चाहिए ताकि प्रार्थना करने वाले को कोई आघात न पहुँचे । इस प्रकार के पत्रों को तैयार करते समय निम्न बातों का ध्यान रखें ।

(i) प्रार्थनाओं की यदि कोई वैकल्पिक व्यवस्था हो सकती है तो उसका सुझाव दे सकते हैं;

(ii) कोई स्वीकार्य विकल्प यदि आप दे सकते हैं तो उसे उपलब्ध करायें; एवं

(iii) उनकी योजना की सफलता की कामना करें किन्तु उनकी सहायता न कर पाने की बात न दोहरायें ।

Example # 7. दावों और शिकायतों के समायोजन से इन्कार (Refusing Adjustment of Claims and Complaints):

जिन पत्रों द्वारा दावों तथा शिकायतों के समाधान से इंकार किया जाता है, वे प्रतिकूल सन्देश पत्र कहलाते है । कुछ दावे व शिकायत गलत सूचना पर आधारित अथवा झूठे हो सकते हैं । इन दावों के समायोजन के लिए व्यवसायी को इंकार करना ही पड़ता है ।

इन्कार करने का सन्देश प्रेषित करने से पहले यह सोच लेना चाहिए कि सन्देश किस प्रकार से प्रेषित किया जायेगा, ताकि ग्राहक को महसूस भी न हो । अत: इस प्रकार का सन्देश पत्र अप्रत्यक्ष ढंग से लिखा जाना चाहिए ऐसे में न तो स्वयं जिम्मेदारी लेनी चाहिए और न ही ग्राहक को दोषी ठहराया जाना चाहिए । सही ढंग व विनम्रता से लिखा गया पत्र आपकी साख को गिरने से रोकेगा ।

जब किसी दावे या शिकायत के लिए संगठन को लिखा जाता है तो उनमें से कुछ दावे या शिकायत कानूनी तौर पर सही होते हैं । अत: सभी दावों को झूठा कहकर ठुकराया नहीं जा सकता । ऐसे दावों व शिकायतों को जो सही हों उनका निपटारा तुरन्त कर लेना चाहिए । केवल खोखले व झूठे दावों के बारे में प्रतिकूल सन्देश पत्र भेजे जाने चाहिए ।

Example # 8. आमन्त्रण एवं अनुमोदन की प्रार्थना को अस्वीकार करना (Declining Invitation and Request for Favour):

व्यावसायिक क्रियाओं के दौरान आपको अनेक प्रकार के आमन्त्रण व अनुमोदन प्राप्त हो सकते हैं । इन आमन्त्रणों में कुछ व्यापारिक व कुछ व्यक्तिगत आमन्त्रण हो सकते हैं । कई बार समय अभाव व अन्य कारणों से आप इन आमन्त्रणों को स्वीकार नहीं कर पाते हैं । ऐसी स्थिति में आपको प्रतिकूल सन्देश पत्र लिखने होते हैं ।

ऐसे पत्रों में प्रतिरोधी वाक्यांश चुनने के लिए विशेष सावधानी रखनी होती है । इस प्रकार के सन्देश पत्रों में मैत्रीपूर्ण ढंग से प्रतिकूल संवाद प्रेषित करने चाहिए एवं इसके लिए अप्रत्यक्ष ढंग अपनाना चाहिए;

जैसे:

मैं तो आपके यहाँ आने का बहुत इच्छा था परन्तु आपात्‌कालीन स्थिति आ जाने के कारण आ नहीं सका जिसका पश्चाताप मुझे रहेगा समय मितने पर मैं आपके दर्शन अवश्य करूँगा ।

Example # 9. मूल्यों अथवा सेवाओं में परिवर्तन के बारे में प्रतिकूल सूचना (Bad News about Changes in Prices or Services):

एक व्यावसायिक संगठन को अपने जीवनकाल में मूल्यों अथवा सेवाओं में परिवर्तन के बारे में ऐसी घोषणाएं करनी पड़ती हैं, जोकि ग्राहकों के लिए प्रतिकूल संवाद वाली होती हैं । इस प्रकार की घोषणा करने से पूर्व संगठन के लिए यह आवश्यक है कि वह ऐसी घोषणा मैं पहले विचार-विमर्श की प्रक्रिया में प्रभावित होने वाले पक्षकार (उपभोक्ता) को सन्तुष्ट व आश्वस्त कर दे, क्योंकि अप्रत्याशित ढंग से की गई प्रतिकूल घोषणा संगठन के विघटन का कारण बन सकती है । इस प्रकार कारणों से पूर्व परिचित कराने की परम्परा सम्बन्धित पक्षकारों को संगठन के प्रति विश्वास व आस्था बनाये रखने में सहायक हो सकती है ।

प्रतिकूल सन्देश पत्रों के कुछ अन्य उदाहरण (Some other Examples of Bad News Letters)

किसी फर्म की गोपनीय साख सूचना देने से इंकार (Refusal for Providing Confidential Credit Information of a Firm):

माँगी गई साख की अस्वीकृति का पत्र (Refusal Letter of Credit Requested):

गलत माल सप्लाई के लिए शिकायत (Complaint for Supply of Defective Goods):

 

अनुबन्ध के नवीनीकरण के लिए स्मरण पत्र (Remainder for Renewal of the Contract):

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