Read this article in Hindi to learn about:- 1. Letter and Memo-A Comparative Study 2. Format of a Memo 3. Use 4. Rules 5. Characteristics 6. Conditions 7. Points to Consider 8. Advantages 9. Disadvantages.
Contents:
- पत्र तथा मेमो-एक तुलनात्मक अध्ययन (Letter and Memo-A Comparative Study)
- मेमो का प्रारूप (Format of a Memo)
- ज्ञापन का प्रयोग (Use of Memo)
- ज्ञापन लिखने के नियम (Rules for Writing Memo)
- ज्ञापन की विशेषताएँ (Characteristics of Memo)
- अच्छे ज्ञापन की आवश्यक शर्तें (Conditions for Good Memo)
- ज्ञापन लिखते समय ध्यान रखें (Points to Consider While Writing Memo)
- मेमो के लाभ (Advantages of Memo)
- ज्ञापन की हानियाँ (Disadvantages of a Memo)
1. पत्र तथा मेमो-एक तुलनात्मक अध्ययन (Letter and Memo-A Comparative Study):
ज्ञापन या मेमो शब्द अंग्रेजी भाषा के शब्द Memorandum का लघु रूप है । अंग्रेजी भाषा का यह शब्द लैटिन भाषा के Memorable शब्द से लिया गया है जिसका अर्थ होता है कहना (To Tell) । वास्तव में ज्ञापन या मेमो एक लिखित सन्देश होता है, जिसे किसी विशेष प्रयोजन से उसे संगल में कार्यरत व्यक्तियों को प्रेषित किया जाता है । व्यावसायिक पत्र व ज्ञापन में अन्तर होता है ।
व्यावसायिक पत्र व्यवसाय से बाहर सन्देश प्रेषित करने के लिए लिखे जाते हैं, जिनको लिखते समय कुछ औपचारिकताएं भी निभानी होती हैं जबकि ज्ञापन या मेमो उसी संगठन के व्यक्तियों को दिये जाते हैं । इसलिए उनमें केवल विषय पर विशेष ध्यान दिया जाता है । व्यावसायिक पत्र को हर प्रकार से प्रभावशाली बनाने का प्रयत्न किया जाता है तथा शिष्टाचार पर विशेष ध्यान दिया जाता है ।
यद्यपि व्यावसायिक पत्र व ज्ञापन लिखने का ढंग एक समान ही होता है तथापि इसमें बिना अधिक औपचारिकता पूरी किये केवल व्यक्ति का नाम देकर भी सन्देश प्रेषित किया जा सकता है । इस प्रकार दोनों में कुछ समानताएँ तथा अन्तर हैं ।
2. मेमो का प्रारूप (Format of a Memo):
मेमो का प्रारूप एक बार बनाकर उसकी कापियां तैयार करवा ली जाती हैं अथवा उसे छपवा लिया जाता है । यह सदैव अन्य पुरुष (Third Person) में लिखा जाता है । इसमें सम्बोधन नहीं होता इसमें तिथि, प्राप्तकर्त्ता का नाम, भेजने वाले का नाम एवं विषय के स्थान पहले ही छपवा लिये जाते हैं । इसे आवश्यकतानुमार नाम व विषय भरकर सम्बन्धित व्यक्ति को दे दिया जाता है ।
पत्र के नीचे प्रेषक के हस्ताक्षर एवं पद का उल्लेख होता है । जब छपे हुए मेमो का प्रयोग नहीं किया जाता तब भी लगभग यही बातें इसमें लिखी जाती है क्योंकि यही इसका मानक प्रारूप (Standard Form) है ।
एक मानक ज्ञापन का प्रारूप (Format) अग्र है:
प्रारूप:
इस प्रकार ज्ञापन में 4 बातें विशेष महत्त्वपूर्ण हैं:
(1) To
(2) From
(3) Subject
(4) Date.
उपरोक्त सूचनाएँ किसी भी क्रम में लिखी जा सकती हैं । जब कभी एक ही सन्देश विभिन्न विभागों एवं व्यक्तियों को भेजना होता है तो सूची के अनुसार (As per List) या नीचे देखिए (See Below) शब्द लिखकर सूची नत्थी कर दी जाती है ।
मेमो में लिखे जाने वाला सन्देश प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष दोनों रूपों में हो सकता है । प्रत्यक्ष आदेश संक्षिप्त तप सरल भाषा में होना चाहिए तथा इसके साथ-साथ क्या कार्य किया जाना है, उसका विवरण दिया जाना चाहिए ।
इनके नमूने निम्न हैं:
संख्या- 12346 (2014)
जिन्दल स्टील एण्ड पावर
अन्तर्विभाग मेमो
दिनांक: 10 जुलाई, 2014
लेखा विभाग को
क्रय विभाग से
विषय: कम्प्यूटर खरीद
आपके विचारों से सहमत होते हुए विभिन्न विभागों में लगाने के लिए 15 कम्प्यूटर खरीदे जाने हैं । इनके क्रय के लिए आवश्यक बजट प्रावधान तथा शीघ्र ही खरीद की प्रक्रिया आरम्भ की जायेगी । इस सम्बन्ध में आपके विचार सराहनीय हैं तथा भविष्य में इससे विभिन्न विभागों की कार्य-कुशलता में वृद्धि होगी ।
अजय गुप्ता
प्रति: श्री संजय गुप्ता
अध्यक्ष
3. ज्ञापन का प्रयोग (Use of Memo):
ज्ञापन का प्रयोग निम्न कार्यों के लिए किया जा सकता है:
(a) जब पत्र का विषय विशेष महत्व का हो,
(b) जब सन्देश पाने वाला छोटा अधिकारी हो,
(c) जब पत्र पाने वाला गैर-सरकारी व्यक्ति और साधारण स्थिति का हो, एवं
(d) अधीनस्थ अधिकारियों को वह सूचना भेजने के लिए जो पूर्णरूपेण सरकारी आदेश नहीं है ।
4. ज्ञापन लिखने के नियम (Rules for Writing Memo):
(i) ज्ञापन सदैव अन्य पुरुष पालन (Third Person) में लिखे जाते हैं,
(ii) उसमें अन्तिम प्रशंसात्मक वाक्य नहीं लिखे जाते,
(iii) इन पर उच्च अधिकारियों के हस्तारक्षर जरूरी नहीं,
(iv) इन पर प्रधान लिपिक व अन्य छोटे कर्मचारी के हस्ताक्षर होते है,
(v) इनमें न तो कोई सम्बोधन होता है और न पत्र के अन्त में कोई स्व-निर्देश ही होता है,
(vi) इनमें पूरा विषय अधिकतर एक ही पैराग्राफ बनाकर लिखा जाता है एवं
(vii) इन पर पाने वाले का नाम अन्त में बायीं ओर लिखा होता है ।
5. ज्ञापन की विशेषताएँ (Characteristics of Memo):
(1) मेमो में निम्न आधारभूत सूचनाएं (Basic Informations) दी होती हैं: को (To), से (From), विषय (Subject) एवं तिथि (Date) ।
(2) मेमो का प्राप्तकर्त्ता (Receiver of Memo):
मेमो का प्राप्तकर्त्ता एक व्यक्ति होना है, उसका नाम To के सामने लिखा जाता है । जब मेमो कई व्यक्तियों या समूह को लिखा जाता है तो सूची के अनुसार (As Per List) था नीचे देखिए (See Below) लिखकर नामों को लिख दिया जाता है ।
(3) मेमो का विषय (Subject-matter of Memo):
मेमो का विषय संक्षिप्त एवं स्पष्ट होना चाहिए ताकि प्राप्त करने वाले को विषय के बोर में आसानी से पता लग जाये ।
(4) शिष्टाचार (Salutation):
मेमो के शिष्टाचार का अधिक पालन नहीं किया जाता । केवल व्यक्ति का नाम देकर सन्देश प्रेषित कर दिया जाता है ।
(5) मेमो पर हस्ताक्षर (Signature on the Memo):
मेमो पर अधिकारी के हस्ताक्षर करने की आवश्यकता नहीं होती क्योंकि मेमो में ऊपर ही लिख दिया जाता है कि यह मेमो किसकी ओर से दिया जा रहा है ।
6. अच्छे ज्ञापन की आवश्यक शर्तें (Conditions for Good Memo):
एक अच्छे ज्ञापन को तैयार करने के लिए निम्न बातों पर विशेष ध्यान देना होगा:
(i) प्राप्तकर्त्ता (Receiver):
ज्ञापन का प्राप्तकर्त्ता कौन है ? उसी के अनुसार ज्ञापन तैयार करना चाहिए, ताकि प्राप्तकर्त्ता उसे आसानी से समझ सके ।
(ii) मेमो का प्रारूप (Format of the Memo):
मेमो का प्रारूप तैयार करते समय इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि उस पर कम-से-कम खर्च आये ।
(iii) सदभावना स्वर (Goodwill Tone):
मेमो उसी संगठन में कार्यरत व्यक्ति को दिया जाना है, अत: सन्देश लिखते समय सद्भावना व सकारात्मक रूप को ध्यान में रखना चाहिए ।
(iv) सन्देश (Message):
ज्ञापन में दिया जाने वाला सन्देश स्पष्ट एवं संक्षिप्त होना चाहिए, उसमें व्याकरण की अशुद्धि भी नहीं होनी चाहिए ।
7. ज्ञापन लिखते समय ध्यान रखें (Points to Consider While Writing Memo):
(a) पहले से ही आवश्यक सन्दर्भ व आंकड़े एकत्र कर लिए जायें ।
(b) समस्त तथ्यों (Facts) को औचित्यपूर्ण कड़ी के रूप में संगठित किया जाये ।
(c) तथ्यों के बारे में सत्यता का पालन करें ।
(d) क्रियात्मक शब्दों व सकारात्मक स्वर का प्रयोग करें ।
(e) जो कार्य होना है उसका विशेश रूप से उल्लेख करें ।
(f) तकनीकी भाषा का प्रयोग कम से कम करें ।
8. मेमो के लाभ (Advantages of Memo):
मेमो संगठन के कर्मचारियों को लिखे जाते है, अत: इसमें केवल विषय को स्पप्ट किया जाता है ।
इसके मुख्य लाभ निम्न हैं:
(1) स्रन्देश का संक्षिप्त प्रेषण (Brief Summary of the Message):
सन्देश को मेमो में बिना अधिक औपचारिकता निभाए, संक्षिप्त रूप में प्रेषित किया जाना है । यदि कोई सन्दर्भ है तो उमका विवरण भी दे दिया जाता है ।
(2) कम लागत (Less Cost):
मेमो साधारण तथा संगठन में कार्यरत कर्मचारियों को लिखा जाता है, अत: इसे हस्त लेखन अथवा साधारण छपाई करके प्रेषित किया जा सकता है । इस तरह इसकी लागत कम आती है । यह कर्मचारियों के बीच सन्देश प्रेषण का सबसे सस्ता साधन है ।
(8) भविष्य के लिए सन्दर्भ (Reference for Future):
मेमो पर दिए गए सन्देश को भविष्य के रिकार्ड के लिए सुरक्षित भी रखा जा सकता है तथा जिसका आगे प्रयोग किया जा सकता है ।
9. ज्ञापन की हानियाँ (Disadvantages of a Memo):
यद्यपि ज्ञापन द्वारा सन्देश का संक्षिप्त प्रेषण, कम लागत, भविष्य के लिए सन्दर्भ इत्यादि के लाभ प्राप्त हैं तथापि भावनात्मक स्तर फ उसकी कुछ हानियाँ हैं । यह अलग बात है कि लोग अत्यन्त तकलीफ तब महसूस करते है जब उन्हें किसी विपरीत घटना हेतु ज्ञापन दिया जाता है ।
इसलिए रोना लिचटेनबेग (Ronna Lichtenbeg) ने सुझाव दिया है,
“यदि आपके पास कोई अच्छी बात कहने के लिए नहीं है तो इसे ज्ञापन पर नहीं लिखिए ।” (If you don’t have anything nice to say don’t write it down on memo.) परन्तु कुछ ऐसी अवस्थाएं हैं जिनके लिए जिम्मदारी निश्चित करना आवश्यक है और ज्ञापन जारी करना ही होता है ।