Read this article in Hindi to learn about:- 1. Meaning of Proposal 2. Need of Proposals 3. Objectives 4. Classification 5. Planning 6. Example.
Contents:
- प्रस्ताव का अर्थ (Meaning of Proposal)
- प्रस्ताव की आवश्यकता (Need of Proposals)
- प्रस्ताव के उद्देश्य (Objectives of Proposal)
- प्रस्तावों का वर्गीकरण (Classification of Proposal)
- प्रस्ताव लिखने की योजना (Planning the Proposals)
- प्रस्ताव का उदाहरण (Example of Proposal)
1. प्रस्ताव का अर्थ
(Meaning of Proposal):
किसी विषय के संक्षिप्त विचारों को जब हम विचार-विमर्श (Discussion) के लिए प्रस्तुत करते हैं तो उसको प्रस्ताव कहते हैं । प्रस्ताव साधारणतया लिखित रूप में होते हैं, परन्तु इन्हें मौखिक रूप में भी प्रस्तुत किया जा सकता है । इन्हें प्राय: संक्षिप्त रूप में ही दिया जाता है । जैसे- एक कम्पनी का किसी दूसरी कम्पनी में विलय का प्रस्ताव, किसी विशेष उत्पाद की बिक्री वृद्धि के लिए विज्ञापन का प्रस्ताव इत्यादि ।
प्रस्ताव व्यक्तियों व्यावसायिक संगठनों एवं सरकारी विभागों के द्वारा दिये जा सकते हैं, ये प्रस्ताव आन्तरिक रूप से व्यवसाय के एक अंग द्वारा दूसरे अंग को भी दिये जा सकते हैं या फिर व्यवसाय के प्रबन्ध को भी दिये जा सकते हैं । ये प्राय: संक्षिप्त रूप में होते हैं परन्तु कभी-कभी विस्तृत रूप में भी दिये जा सकते हैं ।
लेसिकर के शब्दों में:
”व्यावसायिक विवरण तथ्यों पर आधारित क्रमबद्ध वस्तु संचार है, जो व्यावसायिक उद्देश्य की पूर्ति करता है ।”
2. प्रस्ताव की आवश्यकता (Need of Proposals):
सामान्यतया किसी विशेष कार्य व योजना को स्वीकृति दिलवाने के लिए प्रस्ताव रखे जाते हैं । इसमें सदस्यों को प्रस्ताव के लाभों से पूर्व में परिचित करा दिया जाता है, ताकि सदस्य सभा में प्रस्ताव को पारित करा दें । इस तरह प्रस्ताव पर सभा के सदस्यों की मोहर लग जाती है ।
सभी सदस्य अपने आपको उस प्रस्ताव में शामिल समझते हैं । एक अच्छा प्रस्ताव लिखने के लिए समस्या का स्पष्ट ज्ञान होना आवश्यक है । कौन-सी समस्या का समाधान आप प्रस्ताव द्वारा चाहते हैं ? उसका समाधान होने से आपको क्या लाभ प्राप्त होंगे ? समाधान इस प्रस्ताव द्वारा करने में वित्तीय भार कितना होगा ? आदि प्रश्नों के उत्तर आपको ढूँढने हैं ?
इसके अतिरिक्त निम्न प्रश्नों के उत्तर भी आपको ढूँढने है:
(i) आपको समस्या का समाधान कैसे करना है ?
(ii) समस्या का समाधान करने हेतु आपके क्या सुझाव हैं ?
(iii) क्या प्रस्ताव में दिये गये सुझाव का समाधान कर सकते हैं ? एवं
(iv) प्रस्ताव से प्राप्त लाभ कब पूर्ण होंगे ? इत्यादि ।
कम्पनियों के द्वारा प्रस्तावों के लिए प्रार्थना की जाती है । इसलिए प्रस्ताव को RFP (Request for Proposal) कहा जाता है । कम्पनियों के अधिकतर कार्य प्रस्ताव पारित होने के बाद ही शुरू किये जाते हैं । सरकारी तौर पर भी लोकसभा व विधान सभाओं में बहस के लिए अनेक विषयों पर प्रस्ताव लाये जाते हैं । बहस के बाद सरकार उनको पारित करवाती है ।
3. प्रस्ताव के उद्देश्य (Objectives of Proposal):
प्रस्ताव के अनेक उद्देश्य हो सकते हैं । प्रस्ताव हमेशा किसी विशेष उद्देश्य को ध्यान में रखकर तैयार किये जाते हैं उद्देश्यहीन प्रस्तावों का कोई मतलब नहीं होता । वास्तव में प्रस्ताव की आवश्यकता ही विशेष उद्देश्य को पूरा करने के लिए की जाती है ।
प्राय: निम्न उद्देश्यों को पूरा करने के लिए ही प्रस्ताव रखे जाते हैं:
(i) सम्पत्ति को क्रय-विक्रय करने का प्रस्ताव;
(ii) कम्पनी में कार्यरत व्यक्तियों को किसी प्रकार का लाभ देने का प्रस्ताव;
(iii) कम्पनी के अंशों पर लाभांश देने का प्रस्ताव;
(iv) कम्पनी के नये भवन के निर्माण का प्रस्ताव;
(v) कम्पनी की कार्यक्षमता में विस्तार का प्रस्ताव; एवं
(vi) कम्पनी की संचार व्यवस्था में सुधार का प्रस्ताव इत्यादि ।
4. प्रस्तावों का वर्गीकरण (Classification of Proposal):
(1) अनुसन्धान प्रस्ताव (Research Proposals):
ऐसे प्रस्ताव जिनका सम्बन्ध किसी प्रकार के अनुसन्धान से होता है, अनुसन्धान प्रस्ताव कहलाते हैं ।
(2) व्यावसायिक प्रस्ताव (Business Proposals):
ऐसे प्रस्ताव जिनका सम्बन्ध प्रस्तावित वस्तुओं, सेवाओं, उपकरणों आदि की प्रकृति तथा लाभों से होता है, व्यावसायिक प्रस्ताव कहलाते हैं ।
ये दो प्रकार के होते हैं:
(i) प्रार्थित प्रस्ताव (Solicited Proposals):
जो प्रस्ताव प्रार्थना करके मांगे जाते हैं उन्हें प्रार्थित प्रस्ताव कहते हैं । प्रस्ताव के लिए की गई प्रार्थना को प्रस्ताव के लिए प्रार्थना (Request for Proposal- RFP) कहा जाता है । इस प्रकार के प्रस्ताव कड़ी प्रतिस्पर्धा के उपरान्त ही प्राप्त किये जाते हैं ? इसलिए यह आवश्यक है कि आप किसी प्रस्ताव पर विचार करने से पूर्व कुछ बातों पर विचार कर लें ।
जैसे:
(a) प्रार्थित प्रस्ताव में इस बात का विचार करना चाहिए कि प्रार्थना किस प्रकार की गई है ?
(b) प्रार्थना का उद्देश्य क्या है ?
(c) प्रस्ताव द्वारा क्या पारित करवाना चाहते हैं ? इत्यादि ।
प्रस्ताव लिखते समय इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि प्रस्ताव के लिए प्रार्थना (Request for Proposal-RFP) में दिये गये दिशा-निर्देशों का पालन हो रहा है अथवा नहीं । यदि दिये गये दिशा-निर्देशों का पालन नहीं हो रहा है तो अच्छे प्रस्तावों को भी रद्द किया जा सकता है ।
(ii) अप्रार्थित प्रस्ताव (Unsolicited Proposals):
बिना प्रार्थना मांगे गये प्रस्ताव वे प्रस्ताव है जिनके लिए औपचारिक रूप से कोई प्रार्थना नहीं की गई होती है । यह प्रस्ताव की प्रकृति पर निर्भर करता है कि उसमें क्या सूचनाएँ दी जानी है ? जैसे- किसी उत्पाद का नमूना बाजार में लाया जाता है और देखा जाता है कि ग्राहक उसे पसन्द करेंगे अथवा नहीं । अत: बिना प्रार्थना के प्रस्ताव एक साधारण विक्रय-पत्र (Sales Letter) की तरह से होते है क्योंकि इनके माध्यम से आप अपने उत्पाद अथवा सेवा को बेचने का प्रयास करते हैं ।
अप्रार्थित प्रस्ताव के प्रमुख उद्देश्य:
(i) ध्यान आकर्षित करना;
(ii) प्रस्तावित कार्य में रुचि तथा इच्छा पैदा करना, तथा
(iii) कुछ ऐसा करना कि वे आपसे सम्पर्क करें ।
5. प्रस्ताव लिखने की योजना (Planning the Proposals):
प्रस्ताव को योजनाबद्ध तरीके से लिखना चाहिए प्रस्ताव लिखते समय कुछ बातें जैसे: प्रस्ताव किसको भेजा जाना है ? प्रस्ताव भेजने का क्या उद्देश्य है ? इत्यादि पर ध्यान देना चाहिए । प्रार्थित (Solicited) प्रस्ताव को की गई प्रार्थना को ध्यान में रखकर ही तैयार करना चाहिए । यदि अप्रार्थित प्रस्ताव (Unsolicited Proposal) है तो उसे अपनी इच्छा व विचारों के अनुसार तैयार करना चाहिए ।
एक प्रस्ताव के प्राय: निम्नलिखित भाग होते हें:
(i) मुख्य पृष्ठ (Tittle Page):
प्रस्ताव के मुख्य पृष्ठ में शीर्षक, व्यक्ति अथवा कम्पनी का नाम जिसको प्रस्ताव भेजा जाना है एवं भेजने वाले व्यक्ति का नाम तथा तिथि लिखी जाती है ।
(ii) कार्यकारी सारांश (Executive Summary):
छोटे प्रस्तावों में भी कार्यकारी सारांश का होना आवश्यक है, वास्तव में कार्यकारी सारांश पूरे प्रस्ताव के बारे में संक्षेप में बताता है । इसमें यह स्पष्ट होना चाहिए कि उद्देश्यों को किस प्रकार प्राप्त किया जायेगा एवं कौन-सी कार्यविधि अपनाई जायेगी ।
(iii) अनुबन्ध की रूपरेखा (Draft Contract):
कार्यकारी सारांश के बाद दीर्घ प्रस्तावों में अनुबन्ध की रूपरेखा डाली जा सकती है । इसके द्वारा वित्तीय सूचना सहित समस्त प्रस्ताव की झलक (View) मिलती है ।
(iv) तथ्यों की सारणी (Table of Contents):
दीर्घ प्रस्तावों के लिए एक या अधिक सारणियों की सूची, आंकड़ों और उदाहरणों की आवश्यकता हो सकती है ।
(v) प्रस्ताव का मूल पाठ (Text of the Proposal):
एक प्रस्ताव के मूल पाठ के दो कार्य हैं-एक तो ग्राहक को इस बात के लिए तैयार करना कि वह आपसे अनुबन्ध करें, दूसरे अनुबन्ध की शर्तें स्पष्ट करें ।
प्रस्ताव को लिखने की योजना का अध्ययन निम्न चरणों में बांटकर कर सकते हैं:
(i) प्रस्तावना (Introduction):
प्रस्ताव का आरम्भ उचित प्रकार से करना चाहिए । आपके प्रस्ताव का उद्देश्य प्रारम्भ में ही स्पष्ट हो जाना चाहिए यदि प्रस्ताव प्रार्थित (Solicited) है तो की गई प्रार्थना को ध्यान में रखकर ही प्रस्ताव को तैयार करना चाहिए यदि प्रस्ताव अप्रार्थित (Unsolicited) है तो आप उन कारणों का वर्णन कर सकते है जिन्होंने प्रस्ताव भेजने के लिए आपको प्रेरित किया है ।
इन कारणों में:
(a) प्रस्ताव के उद्देश्यों का संक्षिप्त विवरण,
(b) प्रस्ताव में अपने दृष्टिकोण का संक्षिप्त विवरण एवं
(c) प्रस्ताव से ग्राहकों को होने वाले लाभ की सम्भावनाएं, इत्यादि ।
(ii) प्रस्ताव का मुख्य भाग (Main Part of the Proposal):
प्रस्ताव के इस भाग में प्रस्ताव में जो विशेषताएँ होती हैं उनको शामिल करना चाहिए यदि आप किसी नये उत्पाद के लिए प्रस्ताव कर रहे है, तो स्पष्ट रूप से उन लाभों का वर्णन कीजिए जो प्रस्ताव से ग्राहकों को होने वाले हैं जैसे-आप एक नई कार बनाना चाहते है, जो दूसरी कारों से न केवल सस्ती होगी वरन् उसमें ईंधन की खपत भी कम होगी आप अपने प्रस्ताव में इस बात का जिक्र अवश्य करें ।
आपके उत्पाद की कीमत अन्य उत्पादों की तुलना में कम है तो उसका ब्यौरा इस भाग में अवश्य दें । प्रस्ताव में ऐसा वर्णन करें जिसे आप पूरा कर सकें ध्यान रहे प्रस्ताव में कोई भी ऐसा आंकड़ा या बात न करें जिसे आप पूरा करने की स्थिति में न हों ।
प्रस्ताव के इस भाग में विषय-सामग्री को निम्नलिखित ढंग से समायोजित करें:
(a) प्रस्ताव में प्रस्तुत कार्य की योजना;
(b) प्रस्ताव में होने वाले लाभ का वर्णन;
(c) प्रस्ताव में दर्शाये उत्पाद की विशेषताएँ;
(d) प्रस्ताव में दिये गए अनुबन्ध की शर्तें एवं
(e) प्रस्ताव में बताये गये उत्पाद की लागत, इत्यादि ।
(iii) सारांश (Summary):
प्रस्ताव के अन्त में सम्पूर्ण विवरण देकर आप अपने ग्राहकों को प्रस्ताव स्वीकार करने के लिए प्रेरित कर सकते है । इसके साथ-साथ आप अपने दृष्टिकोण को सकारात्मक रूप से प्रस्तुत करके उसे अनुबन्ध करने के लिए बाध्य कर सकते हैं । प्रतिवेदन से होने वाले लाभों की ओर भी आप इसे दूसरे पक्ष का ध्यान आकर्षित कर सकते है । ध्यान रहे यह भाग अन्य भागों की तुलना में संक्षिप्त, दृढ़ एवं सारगर्भित होना चाहिए ।
6. प्रस्ताव का उदाहरण (Example of Proposal):
वीडियोकोन टेलीविजन कम्पनी
576, मस्जिद रोड,
जंगपुरा, नई दिल्ली- 14
फोन- 0180-272965
15 जनवरी, 2014
सन्दर्भ : 124/36/14
जनरल मैनेजर,
भाटिया इलेक्ट्रानिक्स,
सुखदेव नगर,
पानीपत ।
विषय : सम्पूर्ण हरियाणा के लिए सोल एजेन्सी
महोदय,
दी ट्रिब्यून दिनांक 14 जनवरी, 2014 में आपके विज्ञापन से हमें ज्ञात हुआ कि आप वीडियोकोन टेलीविजन के लिए सम्पूर्ण हरियाणा के लिए एक सेल एजेन्ट की नियुक्ति करना चाहते हैं ।
हमें सम्पूर्ण हरियाणा के लिए सेल एजेन्ट बनने में हार्दिक प्रसन्नता होगी । हम इस क्षेत्र में पिछले 10 वर्षों से कार्य कर रहे है तथा कई प्रसिद्ध उत्पादों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं । रोहतक नगर हरियाणा के मानचित्र में महत्वपूर्ण स्थान रखता है । हमारे पास एक विशाल शोरूम शहर के मध्य में है तथा अनुभवी कर्मचारियों का एक ऐसा जाल है जिसे हमने बड़ी मेहनत से तैयार किया है ।
हम आपके उत्पादन को सन्तोषजनक ढंग से वितरित कर सकते हैं । इस क्षेत्र में हमारे अनुभव तथा व्यापारिक सम्पर्क से आपके उत्पाद की बिक्री काफी बढ़ सकती है । आपके द्वारा किया गया प्रारम्भिक समस्याओं का समाधान करने एवं बिक्री वृद्धि में सहायक सिद्ध होगा ।
हम निम्न शर्तों पर आपसे व्यवसाय करने के लिए तैयार हैं:
(i) हमें माल F.O.R. रोहतक दिया जायेगा ।
(ii) हमें बीजक मूल्य पर 5% कमीशन दिया जायेगा ।
(iii) हमें तीन महीने के लिए साख की सुविधा दी जायेगी ।
(iv) हम आपको जो डिपोजिट देंगे उस पर हमें 10% की दर से ब्याज दिया जाएगा ।
(v) विज्ञापन का सारा व्यय आपको करना होगा ।
हमारी साख, व्यवसाय, व्यवहार के बारे में आवश्यक जानकारी आप निम्न से कर सकते हैं:
(i) ओनिडा टेलीविजन, 10, सराय काले खां, देहली-11 ।
(ii) ओरियन्टल बैंक ऑफ कॉमर्स, भिवानी स्टैण्ड, रोहतक ।
(iii) मै. राम लाल श्याम लाल, 10, भागीरथ पैलेस, देहली-6 ।
हमें विश्वास है कि आप हमें हरियाणा राज्य के लिए वितरक नियुक्त कर अनुगृहीत करेंगे तथा हम हरियाणा में आपका उपयुक्त लाभप्रद एवं विश्वसनीय प्रतिनिधित्व कर सकेंगे ।
आपके उत्तर की प्रतीक्षा में,
भवदीय
श्री राम गोयल
प्रोपराइटर